विशेष सूचना - Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "आर्यसमाज विवाह संस्कार केन्द्र" छत्तीसगढ़ में ट्रस्ट द्वारा संचालित केन्द्र केवल रायपुर और बिलासपुर में है। जो कि रायपुर में वण्डरलैण्ड वाटरपार्क के सामने, इन्द्रप्रस्थ कॉलोनी में है तथा बिलासपुर में अग्रसेन चौक, सुपर मार्केट में है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की अन्य कोई शाखा या मन्दिर अथवा संस्कार केन्द्र नहीं है। Arya Samaj Sanskar Kendra Indraprastha Colony Raipur is run under aegis of Akhil Bharat Arya Samaj Trust. Akhil Bharat Arya Samaj Trust is an Eduactional, Social, Religious and Charitable Trust Registered under Indian Public Trust Act. Arya Samaj Sanskar Kendra Raipur and Bilaspur is the only controlled by Akhil Bharat Arya Samaj Trust in Chhattisgarh. We do not have any other branch or Centre in Chhattisgarh. Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
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स्वावलंबन तथा पुरुषार्थ
'स्वावलंबन' तथा 'पुरुषार्थ' ये दोनों ही विकास की प्राथमिक एवं आधारभूत शर्तें हैं। बच्चों को इन दोनों की शिक्षा देना, प्रत्येक अभिभावक का दायित्व है। एक प्रौढ़ व्यक्ति में जितनी बुद्धि होती है, उसका 50 फीसदी भाग चार वर्ष की आयु तक और उसके बाद का 30 प्रतिशत भाग आठ वर्ष की उम्र तक विकसित हो जाता है। बच्चा जीवन के प्रारंभिक पाँच वर्षों में जो कुछ बन जाता है; अधिकांशतः वैसा ही बना रहता है। एक स्वस्थ एवं स्वावलंबी समाज के निर्माण के लिए बच्चों को ऐसी शिक्षा दी जानी आवश्यक है, जो उनमें ये दोनों गुण निखारे।

Both 'self-reliance' and 'purusharth' are the primary and basic conditions of development. It is the responsibility of every parent to educate the children of these two. 50% of the intelligence of an adult person is developed by the age of four and then 30 percent by the age of eight. What a child becomes in the first five years of life; Mostly it remains the same. To build a healthy and self-reliant society, it is necessary to give such education to the children, which inculcates both these qualities in them.

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  • यज्ञ के अनन्त लाभ

    वेदों के पुनरुद्धारक महर्षि दयानन्द सरस्वती ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका में वेद विषय विचार नामक अध्याय के अन्तर्गत कहते हैं कि सुगन्ध आदि से युक्त जो द्रव्य अग्नि में डाला जाता है, उसके अणु अलग-अलग होके आकाश में रहते हैं।  किसी द्रव्य का वस्तुतः अभाव नहीं होता। इससे वह द्रव्य दुर्गन्धादि दोषों का निवारण करने वाला...

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