माधुर्य भाव
पुरे परिवार के संबंध दृढ़ एवं मजबूत बने रहते हैं। दीदी, भाई, काका-काकी, दादा-दादी, बुआ-फूफा, भतीजा-भतीजी, पोता-पोती, मुन्ना-मुन्नी, लाला-लल्ली सभी एकदूसरे से प्यार के धागे से जुड़े रहते हैं। देवरानी हो या जेठानी हो, सभी को सभी के बच्चे अपने ही लगते हैं। हर संबंधों की परिभाषा स्वयं संयुक्त परिवारों में परिभाषित होती रहती है। कभी घर खाली नहीं लगता। घर सुनसान नहीं होता है। घर में किलकारी बनी रहती है। माधुर्य भाव सदैव बना रहता है। किसी चीज की कमी महसूस नहीं होती। समाज पर संयुक्त परिवार का प्रभाव भी अच्छा पड़ता है।
The ties of the whole family remain strong and strong. Didi, brother, uncle-uncle, grandfather-grandmother, aunt-fufa, nephew-niece, grandson-granddaughter, Munna-Munni, Lala-Lalli all remain connected with each other by the thread of love. Be it Devrani or Jethani, everyone seems to have their own children. The definition of each relationship itself is defined in joint families. The house never feels empty. The house is not deserted. Kilkari remains in the house. The melodious spirit always remains. Nothing is felt missing. The effect of joint family on society is also good.
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वेदों के पुनरुद्धारक महर्षि दयानन्द सरस्वती ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका में वेद विषय विचार नामक अध्याय के अन्तर्गत कहते हैं कि सुगन्ध आदि से युक्त जो द्रव्य अग्नि में डाला जाता है, उसके अणु अलग-अलग होके आकाश में रहते हैं। किसी द्रव्य का वस्तुतः अभाव नहीं होता। इससे वह द्रव्य दुर्गन्धादि दोषों का निवारण करने वाला...