विशेष सूचना - Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "आर्यसमाज विवाह संस्कार केन्द्र" छत्तीसगढ़ में ट्रस्ट द्वारा संचालित केन्द्र केवल रायपुर और बिलासपुर में है। जो कि रायपुर में वण्डरलैण्ड वाटरपार्क के सामने, इन्द्रप्रस्थ कॉलोनी में है तथा बिलासपुर में अग्रसेन चौक, सुपर मार्केट में है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की अन्य कोई शाखा या मन्दिर अथवा संस्कार केन्द्र नहीं है। Arya Samaj Sanskar Kendra Indraprastha Colony Raipur is run under aegis of Akhil Bharat Arya Samaj Trust. Akhil Bharat Arya Samaj Trust is an Eduactional, Social, Religious and Charitable Trust Registered under Indian Public Trust Act. Arya Samaj Sanskar Kendra Raipur and Bilaspur is the only controlled by Akhil Bharat Arya Samaj Trust in Chhattisgarh. We do not have any other branch or Centre in Chhattisgarh. Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
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आत्मीयता 
हमारी अच्छी आदतों, सद्गुणों व हमारे आत्मीय व्यवहार के कारण ही लोग हमारा ध्यान रखने को विवश हो जाते हैं। कई बार तो कुछ अच्छी आदतें हमें मृत्यु के मुख तक में से खींच लाती हैं, लेकिन यह तभी संभव है जब हमारी बातों व व्यवहार में सचमुच आत्मीयता हो। कई व्यक्ति किसी से मिलने पर घंटों बातें करते रहेंगे, लेकिन एक भी बात ऐसी नहीं करेंगे जिसमें सामने वाले की रूचि हो अथवा जिससे उसे अपनापन लगे। हम सब अपने मिलने-जुलने वाले लोगों से आत्मीयता, प्यार व सम्मान ही तो चाहते हैं और जो ऐसा करता है हम उसके लिए कुछ भी करने को तत्पर रहते हैं। हमें भी अपनी बातचीत में न केवल दूसरों की रूचि का ध्यान रखना चाहिए, अपितु हमारी बातचीत व व्यवहार ऐसा होना चाहिए। जिससे दूसरे व्यक्ति स्वयं की महत्वपूर्ण व सम्मानित अनुभव करें। लोगों के प्रति हमारा आत्मीय व्यवहार कभी सफल नहीं जा सकता।

It is because of our good habits, virtues and our friendly behavior that people are forced to take care of us. Sometimes some good habits pull us from the face of death, but this is possible only when there is real intimacy in our words and behavior. Many people will talk for hours on meeting someone, but will not do a single thing in which the person in front is interested or which makes him feel familiar. We all want intimacy, love and respect from the people we meet and we are ready to do anything for the one who does so. We should not only take care of the interest of others in our conversation, but our conversation and behavior should be like this. So that other people feel themselves important and respected. Our soulful behavior towards people can never be successful.

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  • यज्ञ के अनन्त लाभ

    वेदों के पुनरुद्धारक महर्षि दयानन्द सरस्वती ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका में वेद विषय विचार नामक अध्याय के अन्तर्गत कहते हैं कि सुगन्ध आदि से युक्त जो द्रव्य अग्नि में डाला जाता है, उसके अणु अलग-अलग होके आकाश में रहते हैं।  किसी द्रव्य का वस्तुतः अभाव नहीं होता। इससे वह द्रव्य दुर्गन्धादि दोषों का निवारण करने वाला...

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