एक रामबाण प्रयोग
उपवास को कुछ जटिल रोगों की रामबाण औषधि कहा जाता है। बवासीर, सिरदरद, अपच, कोलायसिस, एक्जिमा, चर्म-रोग, पुराना जुकाम, कब्ज, अस्थमा, एलर्जी, संधिवात, गठिया, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल उच्च रक्तचाप आदि अनेक रोगों में विशेषकर उपवास को बरम्हास्त्र की तरह प्रयोग में लाया जाता है। उपवास किसे कहते हैं ?- प्राकृतिक चिकित्सा में उपवास का आशय केवल जल के अतिरिक्त कुछ भी सेवन न करना होता है। लाभ के लिए चिकित्सक दिनभर में ४ नीबू का रस तथा शुद्ध शहद २० से ४० ग्राम तक पानी में घोलकर पीने की इजाजत या सलाह देते हैं, जिससे शरीर को पचाने में बल भी न लगे और नीबू से आवश्यक खनिज-लवणों की प्राप्ति हो जाए तथा विकार बारह निकालने का लाभ भी मिल जाए।
Fasting is said to be a panacea for some complex diseases. In many diseases like piles, headache, dyspepsia, colitis, eczema, skin diseases, chronic cold, constipation, asthma, allergies, rheumatism, arthritis, obesity, cholesterol, high blood pressure, etc., especially fasting is used as a bramhastra. What is fasting? - In naturopathy, the meaning of fasting is not to consume anything except water only. For the benefit, doctors recommend or allow or recommend to drink the juice of 4 lemons and 20 to 40 grams of pure honey dissolved in water throughout the day, so that the body does not have any strength to digest and the essential minerals and salts are obtained from the lemon. You should also get the benefit of removing the twelve vices.
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वेदों के पुनरुद्धारक महर्षि दयानन्द सरस्वती ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका में वेद विषय विचार नामक अध्याय के अन्तर्गत कहते हैं कि सुगन्ध आदि से युक्त जो द्रव्य अग्नि में डाला जाता है, उसके अणु अलग-अलग होके आकाश में रहते हैं। किसी द्रव्य का वस्तुतः अभाव नहीं होता। इससे वह द्रव्य दुर्गन्धादि दोषों का निवारण करने वाला...